3 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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आईफोन के प्रति युवाओं में एक अलग तरह की दीवानगी देखने को मिलती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अपने सिक्योरिटी फीचर्स की वजह से आईफोन कई मायनों में एंड्रॉइड से आगे है।
हालांकि एंड्रॉइड और आईफोन की शुरूआती कीमत में बहुत अंतर होता है, जिससे हर कोई इसे खरीदने से पहले सौ बार सोचता है। ऐसे में बहुत से लोग सेकेंड हैंड आईफोन की तरफ देखते हैं। आजकल कई ऑनलाइन रीसेल वेबसाइट्स पर आसानी से सेकेंड हैंड आईफोन बेहद कम कीमत पर मिल जाते हैं, लेकिन इस तरह के आईफोन खरीदना जोखिम भरा हो सकता है। ये सस्ते आईफोन चोरी के भी हो सकते हैं, जिससे आप किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पुराना आईफोन खरीदने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि सेकेंड हैंड आईफोन खरीदते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। साथ ही जानेंगे कि-
- एंड्रॉइड से आईफोन कितना अलग है?
- पुराना आईफोन खरीदने से पहले क्या चेक करें?
सवाल- सेकेंड हैंड आईफोन खरीदने से पहले क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब- सेकेंड हैंड आईफोन खरीदने से पहले लोगों के मन में यही सवाल आता है कि कहीं ये चोरी का तो नहीं है। सेकेंड हैंड आईफोन खरीदना पैसे बचाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है, लेकिन नकली आईफोन खरीदने से बचने के लिए सावधान रहना बेहद जरूरी है। आजकल कई ऐसी फेक ऑनलाइन वेबसाइट्स हैं, जो रिफर्बिश्ड या सेकेंड हैंड आईफोन का दावा करके आपको फेक आईफोन बेच सकती हैं। इसलिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि सेकेंड हैंड आईफोन खरीदने से पहले किन चीजों को जरूर देखना चाहिए।
आइए, इन पॉइंट्स को थोड़ा विस्तार से समझते हैं।
- आईफोन खरीदने से पहले खरोंच, डेंट या किसी अन्य तरह के डैमेज को ध्यान से देखें। फोन की स्क्रीन कहीं से टूटी या चिपकी हुई नहीं होनी चाहिए। साथ ही आईफोन के साइड बटन सही से काम कर रहे हैं या नहीं, यह जरूर चेक करें।
- विक्रेता से आईफोन की बैटरी हेल्थ के बारे में जरूर पूछें। फोन की सेटिंग्स में जाकर बैटरी हेल्थ सर्च करके हम इसे खुद भी चेक कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 80% या उससे अधिक की बैटरी हेल्थ अच्छी मानी जाती है। 80% से कम बैटरी हेल्थ होने पर सेकेंड हैंड आईफोन नहीं खरीदना चाहिए।
- IMEI (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आइडेंटिटी) नंबर हर फोन का एक यूनीक नंबर होता है। इससे फोन के सॉफ्टवेयर और वॉरंटी का पता चलता है। साथ ही IMEI नंबर से यह भी पता लगाया जा सकता है कि कहीं फोन चोरी का तो नहीं है। IMEI नंबर जानने के लिए किसी भी फोन के डायल पैड पर *#06# डायल करें। नंबर फोन की स्क्रीन पर आ जाएगा।
- फोन के हेडफोन जैक या चार्जिंग पोर्ट सही हैं या नहीं, खुद से इसकी जांच करें। कई बार फोन में पानी चले जाने की वजह से यह काम करना बंद कर सकते हैं।
- विक्रेता से फोन ओनर की हिस्ट्री जरूर पूछें। अगर संभव हो तो विक्रेता के द्वारा पिछले ओनर को लेकर दी गई जानकारी को क्रॉसचेक करें। साथ ही फोन की ओरिजिनल रिसिप्ट जरूर लें।
इन चीजों की जांच करके, आप काफी हद तक आश्वस्त हो सकते हैं कि जो सेकेंड हैंड आईफोन खरीद रहे हैं, वह असली और अच्छी स्थिति में है और उसे खरीदना सुरक्षित है।
सवाल- सेकेंड हैंड या रिफर्बिश्ड आईफोन कहां से खरीदें?
जवाब- एपल आईफोन को लगभग 5-6 साल तक आने वाली अपडेटेड टेक्नोलॉजी के हिसाब से डिजाइन करता है, जिससे ग्राहक प्रोडक्ट का लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकें। यही वजह है कि आईफोन में अन्य स्मार्टफोन की तुलना में अधिक अपडेटेड फीचर होते है। ऐसे में सेकेंड हैंड या रिफर्बिश्ड आईफोन खरीदने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
सवाल- आईफोन का कोई अंदरूनी पार्ट बदला गया है या नहीं, यह कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- आजकल इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई ऐसे पेज हैं, जो दो से तीन साल पुराने आईफोन को डेमो फोन या अनयूज्ड फोन बताकर बेचते हैं, जबकि असल में ऐसा नहीं होता है। सोशल मीडिया पर मिलने वाले अधिकांश आईफोन के पार्ट्स के साथ छेड़छाड़ की जाती है। स्क्रीन, बॉडी, कैमरा या बैटरी जैसी चीजों के डैमेज होने पर बदलाव किया जाता है।
आईफोन में यह ऑप्शन होता है कि आप फोन की एक खास सेटिंग के भीतर जाकर यह चेक कर सकते हैं कि फोन का कोई पार्ट बदला गया है या नहीं। आप फोन के डिवाइस पार्ट्स और सर्विस हिस्ट्री आसानी से चेक कर सकते हैं।
इसके लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें–
स्टेप 1: अगर आईफोन का मॉडल नंबर M से शुरू होता है तो यह ओरिजिनल डिवाइस है, जिसे किसी एपल स्टोर या किसी रिटेलर से खरीदा गया है। अगर मॉडल नंबर F से शुरू होता है तो इसे रिफर्बिश्ड किया गया है और किसी यूजर ने पहले इसका इस्तेमाल किया है। वहीं N से मॉडल नंबर शुरू होने का अर्थ है कि यह किसी दूसरे फोन के बदले रिप्लेसमेंट डिवाइस है।
स्टेप 2: अगर आईफोन खरीद लिया है तो 3uTools ऐप या उसकी वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं। 3Utools फोन की पूरी डिटेल रिपोर्ट बता देता है। जैसेकि-
- फोन वॉरंटी में है या नहीं
- फोन इंडियन मॉडल है या नहीं
- इसमें कोई पार्ट्स चेंज किए गए हैं या नहीं
स्टेप 3: सीरियल नंबर के बाद पार्ट्स और सर्विस हिस्ट्री अपने आईफोन में भी देख सकते हैं।
- इसके लिए आईफोन की ‘सेटिंग्स’ में जाएं।
- ‘जनरल’ के ऑप्शन पर जाकर ‘अबाउट’ पर क्लिक करें।
- ‘सीरियल नंबर’ पर क्लिक करें।
- अपने आईफोन का सीरियल नंबर नोट करें।
- इसके बाद सीरियल नंबर को एपल की आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करें।
- अगर Unknown पार्ट का लेबल लगा है तो इसका मतलब है कि पार्ट को बदला गया है।