22 मिनट पहलेलेखक: शैली आचार्य
- कॉपी लिंक
“बहुत बिजी हूं यार, ये सब हॉबी-वॉबी के लिए अब टाइम ही कहां मिलता है।”
हमसे जब भी पूछा जाता है कि आपकी हॉबीज क्या हैं और इसे आप कब प्रैक्टिस करते हैं, तो ज्यादातर लोगों का यही जवाब होता है।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लिए अपने शौक को जिंदा रख पाना मुश्किल हो गया है। लोग अपने घर और ऑफिस के कामों में ही इतना व्यस्त हैं कि उनके पास किसी और चीज के लिए वक्त ही नहीं है। यहां तक कि अपने पसंदीदा कामों के लिए भी नहीं। इन कामों के अलावा कोई वक्त बचता भी है तो हम उसे सोशल मीडिया पर गवां देते हैं।
यह तो हम सभी जानते हैं कि दिन का हर मिनट कितना कीमती होता है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आप जो कुछ भी करते हैं, वो आपकी जिंदगी से जुड़ता चला जाता है। लेकिन यह जानते हुए भी हम खाली वक्त को जाया कर देते हैं। या तो हम अपनी हॉबीज को भूल जाते हैं या फिर व्यस्त जीवन के चलते चाहकर भी नहीं कर पाते हैं।
अमेरिकन लेखिका एलिजाबेथ सेगरन ने एक किताब लिखी है, “द रॉकेट ईयर्स: हाउ योर ट्वेंटीज लॉन्च द रेस्ट ऑफ योर लाइफ।” वह लिखती हैं कि हॉबी यानी शौक हमारे जीवन में हमारी कल्पना से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये हमें खुशी देते हैं, जीवन में संतुलन बनाए रखते हैं और स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करते हैं।
तो आज ‘रिलेशनशिप’ में हम बात करेंगे हॉबीज की। साथ ही जानेंगे कि कैसे ये शौक हमारी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
हॉबी क्या है
हॉबी का मतलब है, किसी चीज का शौक होना। यह शौक किसी भी चीज का हो सकता है, जैसे किताब पढ़ना, कुकिंग करना, पेंटिंग और डूडलिंग करना, फोटोग्राफी करना या फिर किसी नई जगह पर घूमना। यानी वो काम, जिसे करने में हमें खुशी महसूस होती है।
हॉबी के लिए जरूरी है माइंडफुल रिफ्लेक्शन
भोपाल के साकोलॉजिस्ट डॉ. जफर खान बताते हैं कि माइंडफुल रिफ्लेक्शन का मतलब है कि दिन भर में हुई चीजों के बारे में सोचना। इसमें आपको तीन चीजों के बारे में सोचना है- पहला ये कि क्या अच्छा हुआ, दूसरा कि कहां सुधार किया जा सकता है और तीसरा अच्छी चीजों के लिए आभार व्यक्त करना।
इससे हम अपने आपको, अपने इमोशन और विचारों को करीब से जान पाते हैं। जब आप यह जान जाएं कि किस काम को करने में आपको खुशी मिलती है तो आप उसे अपनी हॉबी भी बना सकते हैं।
2015 में ‘द सोसाइटी ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग अपने शौक को जिंदा रखते हैं, अपनी पसंदीदा गतिविधियों में भाग लेते हैं, उनमें नकारात्मक भावनाएं कम होती हैं और वे कम तनावग्रस्त होते हैं। स्टडी में यह भी पाया गया कि जब हम अपने शौक पूरे करते हैं तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
हॉबी कैसे चुनें और इसकी शुरुआत कैसे करें
- किसी भी हॉबी को चुनना कोई मुश्किल काम नहीं है। इसके लिए कुछ ऐसा होना चाहिए, जिसे आप एंजॉय कर सकें और नियमित रूप से कर पाएं।
- दिन भर में 15 मिनट शांति से बैठकर प्रकृति को करीब से देखने से लेकर किताब पढ़ने तक, कई सरल लेकिन बेहद प्रभावशाली आदतों को आप हॉबी बना सकते हैं।
- एक ऐसी एक्टिविटी ढूंढना जरूरी है, जो आपको अच्छी लगे और इसके लिए आपको खुद को फोर्स न करना पड़े।
- अगर आपके पास पहले से ही कोई हॉबी है, जैसेकि स्केचिंग करना, सिंगिंग करना या कुछ और तो आप उसके लिए थोड़ा ही सही, लेकिन वक्त जरूर निकालें।
नीचे ग्राफिक में जानें कुछ गतिविधि, जिन्हें आप अपनी हॉबी बना सकते हैं-
किताब पढ़ने को बनाएं अपनी आदत
दिन में जब भी फुरसत मिले या फिर रात में सोने से पहले किसी भी किताब के कम-से-कम 5 पेज पढ़ें। अगर पढ़ने में आपका मन लगता है तो और ज्यादा भी पढ़ सकते हैं। इससे आपका जीवन बेहतर बनेगा। हर दिन 5 पेज पढ़ने से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी, नींद अच्छी आएगी, शांति महसूस होगी और नॉलेज में भी सुधार होगा। बस एक किताब चुनें, जो भी आपको अच्छी लगती हो।
प्रकृति के साथ करें दोस्ती
अगर आपको नेचर के करीब रहना अच्छा लगता है तो जरूर उसके लिए वक्त निकालें। जब भी वक्त मिले, प्रकृति के साथ कुछ वक्त गुजारें। ऐसा करने से आप थकावट भरे दिन से राहत महसूस करेंगे। शाम या रात में थोड़ी देर टहलने की आदत बना लें। रात के समय बहती हवा, सुंदर नजारा और शांत वातावरण वाकई जादुई लगता है। यह आपको शांति और बेहतर नींद में मदद कर सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है डायरी लिखना
जिन्हें लिखना पसंद है, वे जर्नल लिखना शुरु कर सकते हैं। हर दिन तीन ऐसी चीजें लिखें, जिनके लिए आप आभारी हैं, या आपको जो भी अच्छा लगता हो। जर्नलिंग के बहुत सारे फायदे हैं। शोध से पता चलता है कि आभार व्यक्त करने से आपको अपनी नकारात्मक भावनाओं को बैलेंस करने में भी मदद मिल सकती है।
‘द सोसाइटी ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, खाली समय में हमारी पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। साथ ही कोर्टिसोल (स्ट्रेस हॉर्मोन) कम हो सकता है और आपके बॉडी मास इंडेक्स को कम करने में भी मदद मिल सकती है। जब आप ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं, जो नई या चुनौतीपूर्ण हैं तो यह IQ बढ़ाने और दिमाग को तेज करने में मदद करती हैं।
पेंटिंग-डूडलिंग बुरी आदतों से पीछा छुड़ाने का बेहतर ऑप्शन
पेंटिंग या डूडलिंग करने से न केवल हम अच्छा महसूस कर सकते हैं बल्कि ये हमें कुछ गलत आदतों से भी पीछा छुड़ाने में मदद कर सकता है। ड्रॉइंग, स्केचिंग और डूडलिंग करने के लिए हमें एकाग्रता, सब्र और वक्त की जरूरत होती है। जब हम पेंटिंग करते हैं तो हम बुरी आदतों जैसे फालतू फोन चलाना, रील्स देखने में टाइम वेस्ट करना, स्मोकिंग करने से बच सकते हैं।
कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट सीखें
म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने से हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से लाभ मिलते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि वॉयलिन बजाने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। अगर आपको कोई वाद्य यंत्र बजाने में दिलचस्पी है तो अभी सीखने का सही समय है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के मुताबिक, तनाव कम करने के लिए कोई भी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना फायदेमंद हो सकता है। साथ ही इससे और भी फायदे होते हैं। जैसेकि एंग्जाइटी कम होना, कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होना और इमोशनल इंटेलीजेंस डेवलप होना।