36 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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अगर किसी भी समस्या से जुड़े आंकड़े हमारे पास हों तो उस समस्या का समाधान ढूंढना आसान हो जाता है। इससे प्रॉब्लम को ठीक-ठीक आइडेंटीफाई करने में भी मदद मिलती है। देश में सड़क दुर्घटनाओं के मामले बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या हमारे पास कोई ऐसा ठीक-ठीक डेटा है, जिससे हम इस समस्या की तह तक पहुंच पाएं। जैसेकि-
- क्या कोई ऐसे खास हिस्से हैं, जहां सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं?
- क्या किसी खास तरह की सड़क पर दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं?
- क्या किसी खास वक्त में सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं?
अगर हमें यह पता हो कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए ये वजहें जिम्मेदार हैं तो उस कारण को आइडेंटिफाई करके उसमें सुधार किया जा सकता है। केंद्र सरकार इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए रोड सेफ्टी ऑडिट लाने की तैयारी कर रही है।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि रोड सेफ्टी ऑडिट क्या है? साथ ही जानेंगे कि
- रोड सेफ्टी ऑडिट कैसे काम करेगा?
- इससे सड़क दुर्घटनाओं में कैसे कमी लाई जा सकती है?
सवाल- रोड सेफ्टी ऑडिट क्या है?
जवाब- रोड सेफ्टी ऑडिट यह आइडेंटिफाई करने की कोशिश है कि किन जगहों पर, किस समय में और किन कारणों से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। ऑडिट के जरिए ऐसे ब्लैक स्पॉट खत्म किए जाएंगे, जहां दुर्घटनाओं का खतरा ज्यादा रहता है।
सवाल- रोड सेफ्टी ऑडिट किस तरह काम करेगा?
जवाव- केंद्र सरकार सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के छात्रों की मदद लेगी। छात्र एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे का रोड सेफ्टी ऑडिट कर सुझाव देंगे। इससे सड़कों पर ब्लाइंड स्पॉट्स और ब्लैक स्पॉट्स को पहचान कर उन्हें खत्म करने की कोशिश की जाएगी।
ब्लाइंड स्पॉट्स ऐसे पॉइंट होते हैं, जहां सामने से आ रही गाड़ियों की विजिबिलिटी कम होती है। वहीं ब्लैक स्पॉट्स यानी वो पॉइंट्स, जहां सबसे ज्यादा एक्सीडेंट्स होते हैं। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रोड सेफ्टी ऑडिट से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद जताई है।
सवाल- हर साल ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के कारण कितने लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं?
जवाब- हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित इंजरी प्रिवेंशन और सेफ्टी प्रमोशन (सेफ्टी, 2024) की वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में युद्ध, उग्रवाद और नक्सलवाद से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में देश भर में साढ़े चार लाख से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हुए, जिनमें डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
सवाल- देश में किन वजहों से सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं?
जवाब- पिछले कुछ सालों में देश में सड़क हादसों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है। इसकी सबसे बड़ी वजह ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है।
आंकड़े बताते हैं कि देश में 2022 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 70% मौतें तेज गति से वाहन चलाने यानी ओवर स्पीडिंग की वजह से हुईं। इसके अलावा शराब पीकर गाड़ी चलाने और ड्राइविंग के समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से भी हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
सवाल- किन सड़कों पर वाहन चालकों को सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है?
जवाब- देश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे नेशनल हाईवे पर होते हैं। दरअसल नेशनल हाईवे पर वाहन चलाना बाकी सड़कों पर ड्राइव करने से बिलकुल अलग है। आमतौर पर हाइवे पर दोनों ओर कुल 6 लेन होती हैं।
- सबसे बाईं ओर धीमी गति से चलने वाले वाहनों जैसे ट्रक, बस, कंटेनर के लिए एक लेन होती है।
- बीच वाली लेन हाई स्पीड से चलने वाले वाहनों के लिए होती है।
- तीसरी यानी दाईं ओर की लेन ओवरटेकिंग के लिए होती है। ओवरटेक करने के बाद वाहन चालक बीच की लेन में वापस आ जाते हैं।
नेशनल हाइवे पर अपनी लेन को लेकर जागरूकता की कमी की वजह से सबसे ज्यादा हादसे देखने को मिलते हैं। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में देखा गया है कि छोटे वाहन चालक हाइवे पर आते ही दूसरी या तीसरे लेन में गाड़ी चलाते हैं, जिससे पीछे से आ रहे वाहन की गति का अनुमान नहीं लग पाता है।
सवाल- देश में सबसे ज्यादा सड़क हादसे कहां होते हैं?
जवाब- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 75% सड़क हादसे तमिलनाडु, केरल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और बिहार में होते हैं। ये राज्य साल 2018 से 2022 तक सड़क हादसों के लिहाज से सबसे अधिक जोखिम वाले साबित हुए हैं। हालांकि इन हादसों में मौत के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में देखने को मिले हैं।