20 मिनट पहलेलेखक: गौरव तिवारी
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दुनिया के सबसे दमदार बॉडीबिल्डर इलिया ‘गोलेम’ का महज 36 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। बेलारूस के रहने वाले गोलेम को ‘द म्यूटेंट’ की उपाधि भी मिली हुई थी। पूरी दुनिया के बॉडीबिल्डर उनसे प्रेरणा लेते थे। गोलेम अपनी डाइट और एक्सरसाइज को लेकर बहुत सख्त थे। अपने 25 इंच के बाइसेप्स को बनाए रखने के लिए वे प्रतिदिन 16,500 कैलोरी की डाइट लेते थे। फिर इसे बर्न करने के लिए उतनी ही मेहनत भी करते थे।
गोलेम से पहले अभी पिछले महीने ही ब्राजीलियन बॉडीबिल्डर एंटोनियो सूजा एक ओपेन बॉडीबिल्डिंग कॉम्पिटीशन में हिस्सा ले रहे थे। उन्हें स्टेज पर ही दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। सूजा महज 27 साल के थे।
ये तो बड़े बॉडीबिल्डर्स हैं। इनके अलावा भी बीते कुछ सालों में जिम करते हुए हार्ट अटैक से कई लोगों की मौत हुई है। इनके वीडियो भी वायरल हुए हैं।
अब सवाल उठता है कि जब बॉडीबिल्डर्स रोज इतनी फिजिकल एक्टिविटीज कर रहे हैं, उनकी बॉडी एकदम फिट है, शरीर में कहीं भी फैट नहीं जमा है तो उन्हें इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों हो रहा है?
इसके पीछे कई हार्ट कंडीशंस हो सकती हैं, लेकिन एनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल भी एक बड़ी वजह बनकर सामने आया है। इन स्टेरॉयड्स के इस्तेमाल से मसल्स और बाइसेप्स तो बन जाते हैं, लेकिन मौत भी कुछ हद तक नजदीक आ जाती है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- दुनिया में इसका बाजार कितना बड़ा है?
- इसके कॉमन साइड इफेक्ट्स क्या हैं?
- यह कैसे कम उम्र में मौत का कारण बन रहा है?
एनाबॉलिक स्टेरॉयड क्या है?
एनाबॉलिक स्टेरॉयड ऐसी दवाएं हैं, जो मेल हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन का ही एक रूप है। इन कंपाउंड्स के लिए एक तकनीकी शब्द ‘एनाबॉलिक-एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड’ (AAS) इस्तेमाल होता है। इसमें एनाबॉलिक शब्द टिश्यूज या मसल्स बिल्डिंग के लिए है और एंड्रोजेनिक का मतलब सेक्स हॉर्मोन के एक ग्रुप से है।
टेस्टोस्टेरॉन ही मुख्य एंड्रोजन है। यह प्यूबर्टी के बाद पुरुषों में मेल फीचर्स के डेवलपमेंट के लिए जिम्मेदार है। जैसेकि प्यूबर्टी के बाद लड़कों की दाढ़ी-मूंछ निकलती है, छाती और शरीर पर बाल उगते हैं, आवाज भारी होती है और सेक्शुअल हॉर्मोन डेवलप होते हैं। ये सारे बदलाव इस हॉर्मोन के कारण होते हैं।
जब पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की कमी होती है तो इस कंडीशन को मेल हाइपोगोनडिज्म कहते हैं, जिसके कारण प्यूबर्टी आने में देर हो सकती है। डॉक्टर्स इसके इलाज के लिए एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कुछ खास तरह के कैंसर या एड्स से जूझ रहे लोगों में मसल्स बढ़ाने के लिए भी एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स दिए जाते हैं।
डॉ. बॉबी दीवान कहते हैं कि रोजाना फिजिकल एक्टिविटीज करना, कार्डियो और स्ट्रेंथ एक्सरसाइज करना हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है। जबकि एक खास तरह का बॉडी शेप पाने के लिए जिम जाकर एनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक हो सकता है। लिवर, हार्ट और ब्रेन हेल्थ पर इसके गंभीर असर हो सकते हैं।
52 अरब डॉलर का है स्टेरॉयड का बाजार
पूरी दुनिया में टीनएजर्स के बीच बॉडीबिल्डिंग का बड़ा क्रेज है। यह बॉडी फिटनेस से कहीं आगे की बात है। इसमें हर किसी को सिक्स पैक्स, चौड़ी छाती और बाइसेप्स की चाहत है। यह इच्छा अच्छी डाइट के साथ कई सालों की मेहनत की तुलना में एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स की मदद से कुछ महीनों में ही पूरी हो जा रही है। यही कारण है कि बाजार में इन स्टेरॉयड्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। आइए ग्राफिक में देखते हैं कि अभी स्टेरॉयड्स का बाजार कितना बड़ा है और कैसे मात्र 8 साल में इसके दोगुना हो जाने की उम्मीद है।
क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक अमेरिका में 30 से 40 लाख लोग इसे गैर मेडिकल कारणों से और किसी डॉक्टर की सलाह के बिना इस्तेमाल कर रहे हैं। ये सभी लोग एक बड़े जोखिम की ओर बढ़ रहे हैं।
एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स के कॉमन साइड इफेक्ट्स भी जानलेवा
डॉ. बॉबी दीवान के मुताबिक, इन खास स्टेरॉयड्स को डॉक्टर्स रेयर कंडीशन में ही रिकमेंड करते हैं। इसके बावजूद अगर इनका बाजार इतना बड़ा है तो यह भी निश्चित है कि बड़े पैमाने पर इनका नॉन मेडिकल यूज हो रहा है। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट इश्यूज और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जो कई बार जानलेवा भी साबित होती हैं।
इसके और क्या साइड इफेक्ट हैं, ग्राफिक में देखिए।
जो लोग सिर्फ मसल्स बनाने के लिए प्रतिदिन एनाबॉलिक स्टेरॉयड ले रहे हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने की आशंका दूसरों की तुलना में अधिक होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स की लिस्ट लंबी है। इनमें भी ज्यादातर साइड इफेक्ट हार्ट हेल्थ को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पुरुषों के स्तन बढ़ते, महिलाओं को आती दाढ़ी
महिला और पुरुष दोनों बॉडीबिल्डर्स की तरह मसल्स बनाने के लिए एनाबॉलिक स्टेरॉयड ले रहे हैं और दोनों के शरीर में इसके कारण हॉर्मोनल इंबैलेंस की स्थिति बन सकती है। दोनों की प्रजनन क्षमता पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
इसके बारे में डिटेल नीचे ग्राफिक में देखें-
स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल इतना ज्यादा क्यों बढ़ रहा है?
यह सबसे जरूरी सवाल है और इसका जवाब कुछ यूं है-
- लोग आकर्षक दिखने के लिए बॉडी बनाना चाहते हैं। बॉडी बनाने का मकसद स्वस्थ रहना नहीं है।
- बाजार और विज्ञापन दिन-रात लोगों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं कि जीवन में सफल होने के लिए एक खास तरह की मैस्क्यूलिन बॉडी होनी चाहिए।
- उस आदर्श बॉडी को पाने का शॉर्टकट हैं ये स्टेरॉयड्स।
- लोग शॉर्टकट के पीछे भाग रहे हैं और कम मेहनत में जल्दी-से-जल्दी चौड़ी छाती, सिक्स पैक्स एब्स हासिल कर लेना चाहते हैं।
- यह चीजें बेचने और रिकमंड करने वाले लोग इनके साइड इफेक्ट और खतरों के प्रति लोगों को आगाह नहीं कर रहे हैं।
- व्यायाम का मकसद सिर्फ एक स्वस्थ शरीर और दिमाग हासिल करना होना चाहिए। मानव शरीर को किसी एक फिक्स ढांचे में ढालने की कोशिश ही अपने आप में खतरनाक है।
हेल्दी ढंग से बॉडी बनाने के लिए क्या करें?
डॉ. बॉबी दीवान इसके लिए ये सुझाव देते हैं-
- रोजाना जिम जाना और एक्सरसाइज करना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इससे हार्ट हेल्थ भी अच्छी बनी रहती है। इसलिए प्रतिदिन व्यायाम जरूर करें।
- हालांकि इस दौरान यह ध्यान रखें कि किसी एक्सपर्ट की देख-रेख में ही ट्रेनिंग करें।
- अपनी डाइट हेल्दी और बैलेंस्ड रखें। घर का बना हेल्दी खाना खाएं। किसी भी तरह की अति से बचें। जरूरत पड़ने पर किसी डाइटिशियन की सलाह भी ले सकते हैं।
- तेजी से मसल्स बनाने की चाहत में एनाबॉलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल किसी भी कीमत पर सुरक्षित नहीं है। जीवन सबसे ज्यादा कीमती है। शरीर को सुंदर बनाने की चाहत में जीवन से खिलवाड़ न करें।