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- Bihar Flipkart Customer Care Number Scam Case (How To Identify) | Munger News
23 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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बिहार के मुंगेर में एक रेलकर्मी ने फ्लिपकार्ट से 718 रुपए का सामान ऑर्डर किया, जिसे वह कैंसिल कराना चाहता था। इसके लिए रेलकर्मी ने गूगल पर जाकर वहां से फ्लिपकार्ट का कस्टमर केयर नंबर निकाला और उस पर कॉल किया। कस्टमर केयर प्रतिनिधि की तरफ से उसे एक लिंक भेजा गया और उस पर क्लिक करके एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया।
जब रेलकर्मी ने उस लिंक पर क्लिक किया तो एक ही झटके में उसके बैंक अकाउंट से 1.99 लाख रुपए निकल गए। दरअसल वह एक फेक कस्टमर केयर नंबर था, जिसे साइबर ठगों ने गूगल पर फ्लिपकार्ट कस्टमर केयर नंबर के नाम से एड किया था।
यह ऑनलाइन स्कैम का एक नया तरीका है, जिसमें साइबर ठग प्रतिष्ठित कंपनियों का नंबर रिप्लेस करके सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) का इस्तेमाल करते हैं। जब कोई व्यक्ति गूगल पर किसी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर ढूंढ़ता है तो पहला नंबर स्कैमर्स का ही दिखाई देता है।
यह एक बहुत ही खतरनाक किस्म का स्कैम है, जिसमें स्कैमर मिनटों में आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं।
इसलिए आज जरूरत की खबर में हम बात करेंगे इस नए स्कैम की और जानेंगे कि कस्टमर केयर फ्रॉड क्या है? साथ ही ये भी जानेंगे कि-
- फेक कस्टमर केयर नंबर की पहचान कैसे करें?
- किसी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को निकालने का सही तरीका क्या है?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर (उत्तर प्रदेश पुलिस)
सवाल- फेक कस्टमर केयर फ्रॉड क्या है?
जवाब- फेक कस्टमर केयर फ्रॉड एक प्रकार का स्कैम है, जिसे साइबर ठग आमतौर पर दो तरीकों से अंजाम देते हैं।
गूगल पर फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालकर
साइबर ठग फेक कस्टमर केयर नंबर बनाते हैं और उसे गूगल या अन्य सर्च इंजनों पर डालते हैं, जो कंपनी के वैलिड कस्टमर केयर नंबर से मिलते-जुलते से लगते हैं। जब कोई इन नंबरों पर कॉल करता है तो साइबर ठग कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर उसे कोई लिंक भेजते हैं या बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी मांगते हैं।
कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर कॉल करके
स्कैमर्स किसी वैलिड कंपनी जैसेकि बैंक, सिम ऑपरेटर, विद्युत विभाग या OTT प्लेटफॉर्म का कस्टमर केयर प्रतिनिधि होने का दावा करके कॉल करते हैं। लोगों को उनके अकाउंट में कोई तकनीकी समस्या या जल्द सेवा समाप्त होने का झांसा देते हैं। स्कैमर्स सेवाओं को निरंतर जारी रखने के लिए एक लिंक भेजते हैं, जिसके जरिए वह यूजर के फोन में मालवेयर इंस्टॉल करके यूजर की पर्सनल जानकारी चुरा लेते हैं।
सवाल- साइबर ठग इस स्कैम में लोगों को कैसे फंसाते हैं?
जवाब- आमतौर पर साइबर ठग लोगों का विश्वास जीतने के लिए कस्टमर केयर की तरह आधिकारिक भाषा में बात करते हैं। इसके अलावा रेफरेन्स नंबर, कंपनी की कॉलर ID या ईमेल में हेर-फेर करते हैं, जिससे आसानी से हर कोई इसकी पहचान नहीं कर पाता है। पहचान वेरिफाई करने के नाम पर साइबर ठग यूजर को APK (एंड्रॉइड एप्लिकेशन पैकेज) लिंक भेजते है या उसे झांसे में लेकर फाइनेंशियल अथवा पर्सनल जानकारी मांगते हैं।
सवाल- फेक कस्टमर केयर नंबर की पहचान कैसे कर सकते हैं?
जवाब- साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि किसी सर्विस से जुड़ी समस्या होने पर लोगों को कंपनी या बैंक से संपर्क करने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में लोग हेल्पलाइन नंबर निकालने के लिए सबसे पहले गूगल पर सर्च करते हैं, जबकि गूगल कभी भी नंबर की ऑथेंटिसिटी की गारंटी नहीं देता है। वह सिर्फ सर्च किए गए डेटा को दिखाता है।
गूगल पेज पर दिखने वाले अधिकांश कस्टमर नंबर्स फ्रॉड होते हैं क्योंकि गूगल पेज को आसानी से एडिट किया जा सकता है। इसलिए गूगल पर दिए कस्टमर केयर नंबर पर कभी भरोसा न करें। हमेशा कंपनी की वेबसाइट से उस नंबर को क्रॉस वेरिफाई जरूर करें।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि फेक कस्टमर केयर नंबर की कैसे पहचान कर सकते हैं।
सवाल- अजीब या असामान्य कस्टमर नंबर की पहचान कैसे कर सकते हैं?
जवाब- राहुल मिश्रा बताते हैं कि आमतौर 1800 से शुरू होने वाले नंबर भारत में टोल-फ्री नंबर होते हैं, जो कि कंपनियों, संगठनों या सरकारी एजेंसियों को दिए जाते हैं। ये नंबर ग्राहकों को मुफ्त में कॉल करने की सुविधा देते हैं।
जबकि अजीब या असामान्य नंबर +91 के बजाय +92, +93 या किसी अन्य कोड से शुरू होते हैं। नंबर का प्रीफिक्स 011 की जगह कुछ और भी हो सकता है।
हालांकि 1800 से शुरू होने वाले नंबर भी फ्रॉड हो सकते हैं क्योंकि साइबर ठग किसी बिजनेस के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवाकर ऐसे नंबर भी प्राप्त कर सकते हैं।
सवाल- किसी कंपनी का असली कस्टमर केयर नंबर कैसे पता कर सकते हैं?
जवाब- बैंक या किसी ई-कॉमर्स साइट का कस्टमर केयर नंबर निकालने का सबसे आसान तरीका है कि उस कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं। वेबसाइट के राइट-लेफ्ट कॉर्नर में ये नंबर लिखे रहते हैं या सबसे नीचे Contact Us, Helpline अथवा Support जैसे ऑप्शन होते हैं, जिस पर क्लिक करके आप कंपनी का कस्टमर केयर नंबर निकाल सकते हैं।
नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि किसी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर निकालने का सही तरीका क्या है।
सवाल- अगर फेक कस्टमर केयर स्कैम का शिकार हो जाएं तो क्या करें?
जवाब- फेक कस्टमर केयर स्कैम का शिकार होने पर तुरंत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत करें। इसके अलावा तुरंत इन स्टेप को फॉलो करें।
- अपने बैंक अकाउंट को तुरंत फ्रीज कराएं, जिससे लेन-देन की गतिविधियों को अस्थायी रूप से रोका जा सके।
- अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड को ब्लॉक कराएं, जिससे कार्ड से किसी भी तरह का नया लेन-देन नहीं किया जा सके।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का पासवर्ड बदलें, जिससे अकाउंट के हैक होने के खतरे को कम किया जा सके।
- अपने मोबाइल फोन पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) पासवर्ड लगाएं।