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- Karnataka Shopkeeper Online Investment Scam Case; How To Identify Cyber Fraud And Prevention Tips. कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर में एक दुकानदार ज्यादा रिटर्न के लालच में 56.7 लाख रुपए के फ्रॉड का शिकार हो गया। दरअसल स्कैमर्स ने दुकानदार को यूट्यूब पर कुछ टास्क पूरा करने के लिए दिया।
52 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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पिछले दिनों कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर में एक दुकानदार ज्यादा रिटर्न के लालच में 56.7 लाख रुपए के फ्रॉड का शिकार हो गया। दरअसल स्कैमर्स ने दुकानदार को यूट्यूब पर कुछ टास्क पूरा करने के लिए दिया।
इसके बदले में उसके बैंक अकाउंट में छोटे-मोटे पेमेंट भी किए। बिना कोई ज्यादा मेहनत किए हो रही कमाई देखकर वह व्यक्ति लालच में आ गया। इसके बाद स्कैमर्स ने दुकानदार को अपने भरोसे में लेने के बाद उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा, जिसमें उसे कमीशन का लालच देकर पैसा जमा करने के लिए कहा गया। दावा ये था कि यह इन्वेस्टमेंट किसी भी एफडी, म्यूचुअल फंड या शेयर मार्केट के मुकाबले कई गुना रिटर्न देगा।
पीड़ित ने लालच में आकर अलग-अलग बैंक अकाउंट से 56.7 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट कर दिया। इसके बाद स्कैमर्स ने उससे कॉन्टेक्ट करना बंद कर दिया। उसके सारे पैसे स्कैमर्स ले उड़े। पीड़ित दुकानदार ने साइबर इकोनॉमिक एंड नारकोटिक क्राइम (CIN) पुलिस से इसकी शिकायत दर्ज कराई। तब कहीं जाकर यह फ्रॉड सामने आया।
इन दिनों साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल लोगों को फंसाने के लिए इन्वेस्टमेंट, ट्रेडिंग ऐप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इनसे सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।
तो चलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कैम क्या है? साथ ही जानेंगे कि-
- इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं?
- इस तरह के स्कैम से कैसे बच सकते हैं?
एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर एडवाइजर (उत्तर प्रदेश पुलिस)
सवाल- ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कैम क्या है?
जवाब- स्कैमर्स आम लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे टेलीग्राम, वॉट्सएप या इंस्टाग्राम का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। स्कैमर्स पहले लोगों को ठगने के लिए अनजान ग्रुप्स में जोड़ते हैं। इसके बाद फेक वेबसाइट्स पर स्टॉक, शेयर मार्केट या रियल एस्टेट में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट करने पर भारी रिटर्न का लालच देते हैं।
शुरूआत में लोगों का भरोसा जीतने के लिए अच्छा–खासा रिटर्न भी देते हैं, जिससे सबकुछ वैलिड लगता है। लेकिन जब लोग लालच में आकर बड़ी रकम इन्वेस्ट करते हैं तो स्कैमर्स उसे ग्रुप से बाहर कर देते हैं।
इसके अलावा स्कैमर्स वेरिफाइड फर्मों की वेबसाइट्स को क्लोन करते हैं, जिससे रिटर्न की राशि कई गुना ज्यादा दिखाई देती है, लेकिन इसमें सबकुछ फेक होता है। वेबसाइट पर दिखाई देने वाला बैलेंस आपके बैंक अकाउंट तक कभी पहुंचता ही नही है। ये स्कैम इतने विश्वसनीय लगते हैं कि पेशेवर लोग भी इसका शिकार हो सकते हैं।
सवाल- इन्वेस्टमेंट स्कैम की पहचान कैसे कर सकते हैं?
जवाब- साइबर एडवाइजर राहुल मिश्रा बताते हैं कि स्कैमर्स लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए दावा करते हैं कि आप बिना किसी जोखिम के बहुत जल्दी पैसा कमा सकते हैं। इस तरह के स्कैम में अक्सर स्टूडेंट्स या साइड बिजनेस के जरिए अतिरिक्त पैसा कमाने वाले लोग फंसते हैं क्योंकि इन्हें प्रोफेशनल लोगों की तुलना में ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के तरीकों की पहचान और जानकारी कम होती है। फ्रॉड के इस तरीके को पहचानने के लिए नीचे पॉइंटर्स में दी गई इन बातों का ध्यान रखें।
- आपको एक अनजान ग्रुप में जोड़ दिया जाता है, जिसके सभी सदस्य नए होते हैं। ग्रुप के सदस्य इन्वेस्टमेंट से हुए रिटर्न के स्क्रीनशॉट शेयर करते हैं, जो अधिकांश फेक होते हैं।
- अगर कोई इन्वेस्टमेंट फर्म बहुत अधिक रिटर्न का वादा करती है तो यह आपको फंसाने का स्कैम हो सकता है।
- अगर पैसे को बहुत जल्दी दोगुना करने का लालच दिया जा रहा है तो इससे सावधान रहें। स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए इस तरह की बातें करते हैं। यह फेक ऐप्स और वेबसाइट्स होती हैं।
- स्कैमर्स जल्दी पैसा इन्वेस्ट करने का दबाव डालते हैं। इसके लिए वह लगातार कॉल या मैसेज के जरिए ऑफर्स या कैशबैक का लालच भी देते हैं।
- फेक इन्वेस्टमेंट वेबसाइट्स की प्रामाणिकता नहीं होती है। इनके टर्म्स एंड कंडीशंस स्पष्ट नहीं होते हैं। इसलिए जिस वेबसाइट के जरिए आप पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं, वह सिक्योर है या नहीं, इसकी जांच जरूर करें।
- अगर किसी कंपनी के बारे में जानकारी नहीं है तो वहां इन्वेस्टमेंट न करें। कई बार स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए फेक कंपनी बनाते हैं, जिनकी कोई वास्तविकता नहीं होती है। इन कंपनियों का नाम सिर्फ वेबसाइट या ऐप पर ही दिखता है।
सवाल- इन्वेस्टमेंट स्कैम से खुद को कैसे बचा सकते हैं?
जवाब- जैसे-जैसे भारत सेविंग करने वाले देश से इन्वेस्टमेंट करने वाले देश की ओर बढ़ रहा है, इन्वेस्टमेंट स्कैम के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चाहे फोन कॉल के माध्यम से, सोशल मीडिया के माध्यम से या फर्जी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए, ये स्कैम आपको कुछ गलत होने का एहसास होने से पहले ही आपकी सेविंग्स खत्म कर सकते हैं। इस तरह के स्कैम से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है।
सवाल- ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट कितना सुरक्षित है?
जवाब- ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट करने में कोई दिक्कत नहीं है। वह पूरी तरह सुरक्षित है। बस सवाल ये है कि ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट आप किसी बैंक या वैलिड फाइनेंशियल कंपनी के जरिए कर रहे हैं या किसी फेक स्कैमर के जाल में फंसकर। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। कोई भी ट्रांजैक्शन करने से पहले हर तरह की जांच करनी चाहिए। इसके लिए प्रोफेशनल इन्वेस्टर्स की मदद भी ले सकते हैं।
सवाल- ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट करते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए?
जवाब- आज के दौर में ऑनलाइन ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट एक लोकप्रिय तरीका बन गया है। हालांकि कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। जैसेकि-
- हमेशा सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) में रजिस्टर्ड और ऑथराइज्ड इंटरमीडिएटर के साथ ही डील करें।
- इंटरमीडिएटर और उनके द्वारा पेश किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट के तरीकों बारे में पूरी जानकारी लें।
- उन अफवाहों या विज्ञापनों पर ध्यान न दें, जो बड़े रिटर्न का वादा करते हैं।
- हमेशा इन्वेस्टमेंट की पूरी जानकारी देने वाले लिखित डॉक्यूमेंट्स मांगें। पैसा इन्वेस्ट करने से पहले सभी डॉक्यूमेंट्स ध्यान से पढ़ें।
- अगर कोई पॉइंट भ्रमित करने वाला है तो उसे पहले ही स्पष्ट कर लें।
- हमेशा कंपनी के बारे में पर्याप्त जानकारी और रिसर्च करने के बाद ही इन्वेस्टमेंट करें।
- इन्वेस्टमेंट की वैधता को हमेशा वेरिफाई करें। आपका पैसा कहां इस्तेमाल हो रहा है, इसके बारे में जानें।
- यह जांच करें कि आपका पैसा किसी गैर-कानूनी एक्टिविटी में तो इन्वेस्ट नहीं किया जा रहा है।
- कंपनी की रणनीति में बड़ा बदलाव किए बिना स्टॉक की कीमत में अचानक वृद्धि होती है तो हमेशा जांच करें।
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