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Friends Manipulation Signs; How to Identify? and Deal with Them | Dosti | रिलेशनशिप- कहीं ये दोस्ती के नाम पर मैनिपुलेशन तो नहीं: इन संकेतों से पहचानें, साइकोलॉजिस्ट के 8 सुझाव, सीखें बाउंड्री डिफेंस

14 मिनट पहलेलेखक: शैली आचार्य

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जरा सोचिए, संडे का दिन है और आपका मन थिएटर में जाकर मूवी देखने का कर रहा है। आप अपने दोस्त को साथ चलने के लिए पूछते हैं। लेकिन वो आपको ये कहते हुए मना कर देता है कि ‘आज मेरा मन नहीं है, फिर कभी चलेंगे।’

आप सोचेंगे कि इसमें अजीब क्या है? अजीब ये है कि पिछले हफ्ते जब दोस्त को मॉल जाने का मन था तो मूड न होते हुए भी आप उसके साथ गए थे क्योंकि आप दोस्त को मना नहीं करना चाहते थे। उसके पिछले वीकेंड आप दोस्त के घर की शिफ्टिंग करवा रहे थे, जबकि आपके अपने जरूरी काम पेंडिंग पड़े थे।

कहने का मतलब ये है कि आप तो दोस्त की हर जरूरत और इच्छा के लिए अवेलेबल हैं, लेकिन वो नहीं है। क्या आप इस कहानी के साथ रिलेट कर पा रहे हैं? अगर हां तो आप मैनिपुलेशन का शिकार हो रहे हैं।

आज ‘रिलेशनशिप’ कॉलम में हम बात करेंगे दोस्ती में होने वाले मैनिपुलेशन की। आप कैसे जान सकते हैं कि दोस्ती में आपको मैनिपुलेट किया जा रहा है। साथ ही जानेंगे कि-

  • आप मैनिपुलेशन से कैसे बच सकते हैं?
  • दोस्ती में कभी-कभी ‘No’ कहना कैसे सीखें?

मैनिपुलेशन क्या है?

मैनिपुलेशन एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका मतलब होता है अपने फायदे के लिए किसी और को कंट्रोल करना। हालांकि ये होता है कि दूसरों को मैनिपुलेट करके हम जो चाहें, पा सकते हैं, अपने हित साध सकते हैं, लेकिन यह बहुत खतरनाक भी है।

मनोवैज्ञानिक जॉर्ज एच. ग्रीन और कैरोलिन कॉटर अपनी किताब ‘स्टॉप बीइंग मैनिपुलेटेड’ में लिखते हैं कि जिसके साथ मैनिपुलेशन हो रहा है, उसकी मेंटल हेल्थ पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन साथ ही दूसरों को मैनिपुलेट करना भी मेंटल हेल्थ के लिए उतना ही खतरनाक है।

दोस्ती में कैसे पहचानें मैनिपुलेशन के संकेत

दोस्ती में कई बार हम इतना ज्यादा डूब जाते हैं कि समझ ही नहीं पाते कि हमें मैनिपुलेट किया जा रहा है। दोस्त मैनिपुलेट करके आपसे चालाकी से काम निकलवा सकता है, आपसे जबरदस्ती अपनी बात मनवा सकता है, आप पर कंट्रोल कर सकता है।

गैसलाइटिंग से दोस्ती में पड़ सकती है दरार

साइकोएनालिस्ट और लेखिका डॉ. रॉबिन स्टर्न ने मैनिपुलेशन पर एक किताब लिखी है, ’द गैसलाइट इफेक्ट।’ इसमें वह बताती हैं कि हिडन मैनिपुलेशन यानी छिपे हुए मैनिपुलेटिव बिहेवियर को कैसे पहचानें। इसके कंट्रोल में आने से कैसे बचें। सबसे पहले जानें कि किसी भी रिश्ते या दोस्ती में गैसलाइटिंग क्या होती है।

गैसलाइटिंग क्या है?

गैसलाइटिंग का मतलब किसी गैसलाइटर या लाइट जलाने से नहीं है। इसका असल मतलब है, ‘किसी को मैनिपुलेट करना, उसके विचारों को बदल देना। उसे ऐसी बात पर यकीन दिलाना, जो सच नहीं है। इस शब्द का सबसे पहले इस्तेमाल अंग्रेजी के प्ले राइटर और उपन्यासकार पैट्रिक हैमिल्टन ने अपने ब्रिटिश थ्रिलर प्ले ‘गैस लाइट’ में किया था। इसके बाद इस पर 1944 में एक फिल्म भी बनी, जिसमें दिखाया गया था कि कैसे एक पति अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए उसे मैनिपुलेट करता है। उससे कई तरह के झूठ बोलकर उसकी मेंटल हेल्थ पर सवाल उठाता है।

नीचे पॉइंटर्स में जानें, गैसलाइटिंग और उसके लक्षणों के बारे में-

  • दोस्ती में गैसलाइटिंग को एक प्रकार का मानसिक शोषण कहा जा सकता है। यहां एक व्यक्ति दूसरे को अपने विचारों और भावनाओं के अनुसार बदलने की कोशिश करता है, ताकि वह अपने हितों को पूरा कर सके।
  • डॉ. रॉबिन स्टर्न के मुताबिक गैसलाइटिंग मैनिपुलेशन का एक छिपा हुआ रूप है। यह आपके विचारों को पूरी तरह से बदल भी सकता है।
  • गैसलाइटिंग के कुछ सामान्य लक्षण ये हो सकते हैं, जैसे निगेटिव बातें करना, यादों को बदलने की कोशिश करना, अपने हित के लिए दोस्त का इस्तेमाल करना।
  • दोस्त आपसे नकारात्मक बातें कर सकता है, जैसेकि ‘तुम कुछ नहीं कर सकते या तुम हमेशा गलत ही करते हो।’

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की वर्ष 2020 की एक स्टडी के मुताबिक अगर हम रिश्तों में एक स्वस्थ बाउंड्री नहीं रखते और मैनिपुलेशन का शिकार होते रहते हैं तो इसका हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।

दोस्ती में कैसे कहें ‘NO’

जब आपको कोई मैनिपुलेट करे तो कैसे डील करें

कई बार कुछ बातें हमें बुरी लगती हैं, लेकिन हमें समझ नहीं आता कि उस बात का विरोध कैसे करना है। या तो हम चुप रहकर सब बर्दाश्त करते हैं, भीतर-ही-भीतर कुढ़ते रहते हैं या फिर एक दिन अचानक बहुत ज्यादा गुस्सा हो जाते हैं।

डॉ. जफर खान कहते हैं कि यह दोनों ही व्यवहार हेल्दी नहीं हैं। न सहना सही है और न ही चुप रहना। हमें हेल्दी बाउंड्री सेट करनी चाहिए। इसके लिए हमारे पास सही भाषा होनी चाहिए। वो कैसी होगी, नीचे दिए कुछ उदाहरणों से समझें-

अगर किसी का व्यवहार आपको अच्छा न लगे या ऐसा लगे कि आपको मैनिपुलेट किया जा रहा है तो चुप रहने, गुस्सा होने, आवाज ऊंची करने, डरने या घबराने की बजाय ये कहें-

  • मुझे तुम्हारा यह व्यवहार बिलकुल अच्छा नहीं लगा।
  • मुझसे कभी भी इस भाषा में बात मत करना।
  • मैं किसी को अपने साथ इस भाषा में बात करने की इजाजत नहीं देता।
  • मुझे नहीं लगता कि एक अच्छा दोस्त कभी भी इस भाषा में बात करेगा।
  • शायद तुम अच्छे दोस्त नहीं हो।
  • मुझे यह पसंद नहीं कि मेरे ‘NO’ की रिस्पेक्ट न की जाए। अगर तुम दोस्त हो तो तुम्हें मेरी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
  • बात एक घंटे की नहीं है। ये एक घंटा कीमती है, जो मैं अपनी मर्जी से बिताना चाहता हूं।
  • अच्छे दोस्त कभी जोर-जबरदस्ती नहीं करते। तुम अच्छे दोस्त की परिभाषा में फिट नहीं हो रहे।

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