5 मिनट पहलेलेखक: संदीप सिंह
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नई दिल्ली से वाराणसी जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट में बीते गुरूवार को जमकर हंगामा हुआ। दरअसल फ्लाइट का AC काम नहीं कर रहा था। नतीजतन गर्मी और सफोकेशन की वजह से तीन महिला यात्रियों की तबीयत काफी बिगड़ गई, जबकि एक महिला यात्री बेहोश हो गई।
ऐसी ही एक घटना बीते 15 अगस्त को वाराणसी से मुंबई जा रही एक फ्लाइट में हुई, जिसमें एक यात्री की चलती फ्लाइट में अचानक तबीयत बिगड़ गई और वह सीट से गिरकर बेहोश हो गया। इसके बाद भोपाल में फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई और यात्री को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
यूं तो सेहत संबंधी आपातकालीन स्थितियां कभी भी और कहीं भी पैदा हो सकती हैं, लेकिन ज्यादा परेशानी तब खड़ी हो जाती है, हम आप जमीन से हजारों फीट की ऊंचाई पर हवा में हों। ऐसे में अपनी सेहत से लेकर सेफ्टी तक की हमारी तैयारी पहले से काफी मुस्तैद होनी चाहिए।
इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि फ्लाइट ट्रैवल सेफ्टी की। साथ ही जानेंगे कि-
- फ्लाइट में अचानक तबीयत खराब होने पर क्या करें?
- यात्रा से पहले किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
एक्सपर्ट: डॉ. उर्वी महेश्वरी, जनरल फिजिशियन, जायनोवा शेलबी हॉस्पिटल (मुंबई)
सवाल- फ्लाइट सेफ्टी मैनुअल को पढ़ना और जानना क्यों जरूरी है।
जवाब- फ्लाइट में किसी तरह की चोट से बचने या आपात स्थिति से निपटने के लिए फ्लाइट अटेंडेंट प्रत्येक उड़ान से पहले सेफ्टी ब्रीफिंग देते हैं। यह आमतौर पर दो से छह मिनट तक चलती है। यात्रियों को अपनी सीट पर भी सिक्योरिटी मैनुअल पेपर मिलता है। फ्लाइट अटेंडेंट द्वारा ब्रीफिंग में ऑडियो या वीडियो के जरिए जानकारी दी जाती है, जिसमें इस तरह की बहुत जरूरी और बुनियादी बातें बताई जाती हैं, जैसेकि–
- उड़ान भरने और लैंडिग के दौरान सीट बेल्ट बांधना आवश्यक है।
- इमरजेंसी की स्थिति में यात्रियों को किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
- फ्लाइट के बीचोंबीच एक चमकीली पट्टी के साइन पर ध्यान दें। ये साइन इमरजेंसी की स्थिति में आपको इमरजेंसी गेट का रास्ता बताते हैं।
- ब्रेस पोजिशन (Brace Position) के बारे में जानें। यह फ्लाइट में इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान अपनाई जाने वाली एक पोजिशन है। इसमें सिर को पैरों की तरफ आगे झुकाकर बैठना होता है, जिससे सिर में चोट लगने का खतरा कम रहता है।
सवाल- फ्लाइट में यात्रा के दौरान किन चीजों को जरूर साथ रखें?
जवाब- फ्लाइट लंबी हो या छोटी दूरी की, यात्रा से पहले सभी बुनियादी चीजों की पैकिंग बेहद जरूरी है। यात्रा से पहले एक चेकलिस्ट तैयार करें, जिससे आखिरी समय में आप कुछ भी जरूरी सामान न भूलें।
अपने बाकी जरूरी सामानों के साथ ग्राफिक में दी इन चीजों को हमेशा साथ रखें।

सवाल- फ्लाइट ट्रैवल के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब- फ्लाइट की यात्रा को आरामदायक बनाने के लिए ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को जरूर फॉलो करें।

सवाल- अगर फ्लाइट में अचानक तबीयत खराब हो जाए तो क्या करें?
जवाब- डॉ. उर्वी महेश्वरी बताती हैं कि हवा के दबाव में बदलाव के कारण उल्टी, सिरदर्द, चक्कर आना, ब्लड क्लॉटिंग, टिनिटस (कान से सीटी की आवाज) जैसी समस्याओं से यात्रियों को जूझना पड़ सकता है। ऐसे में घर से अपने साथ फर्स्ट एड किट जरूर लेकर जाएं, जिसमें खांसी, सर्दी, बुखार, सिरदर्द, ग्लूकोज या नॉर्मल पेन किलर शामिल हों।
तबीयत ज्यादा खराब होने की स्थिति में तुरंत फ्लाइट अटेंडेंट को सूचित करें, जिससे वे इमरजेंसी मेडिकल किट की मदद से आपकी मदद कर सकें या फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिग करा सकें।

सवाल- फ्लाइट में यात्रा करते समय किन लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?
जवाब- डॉ. उर्वी महेश्वरी कहती हैं कि कुछ बीमारियों और हेल्थ कंडीशंस में फ्लाइट में ट्रैवल करते समय हमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। फ्लू या वायरल होने पर, हार्ट डिजीज या ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा अगर किसी को कान में या साइनस इन्फेक्शन है तो फ्लाइट में ट्रैवल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

सवाल- ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस (Thrombosis) क्या है?
जवाब- ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस एक ऐसी स्थिति है, जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से होती है। इसमें ब्लड क्लॉटिंग होती है यानी खून के थक्के जम जाते हैं। इस कंडीशन में खड़े होने या चलने पर पैरों में दर्द हो सकता है या पैरों में सूजन आ सकती है। लंबे समय तक ब्लड क्लॉटिंग होने से शरीर के बाकी हिस्सों में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हो सकती है।
ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस का जोखिम लंबी दूरी की फ्लाइट में यात्रा के दौरान अधिक बढ़ जाता है क्योंकि कई घंटे तक सीट बेल्ट लगाकर एक जगह बैठना पड़ता है।
इन यात्रियों को ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस का ज्यादा खतरा
- 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अधिक खतरा होता है।
- जो लोग मोटापे की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए जोखिम और भी अधिक होता है।
- जिन लोगों की हाल ही में कोई सर्जरी हुई है या 3 महीने के भीतर कोई गंभीर चोट लगी है, उन्हें भी ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस का खतरा रहता है।
- जो महिलाएं गर्भवती हैं या जिन्होंने हाल ही में किसी बच्चे को जन्म दिया है, उन्हें भी ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस की समस्या हो सकती है।
- कैंसर के मरीजों को भी फ्लाइट में यात्रा करते समय ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस का खतरा रहता है।
सवाल- ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस के खतरे से बचने के लिए किन बातों का ख्याल रखें?
जवाब- नीचे दिए ये टिप्स अपनाकर आप ट्रैवलर्स थ्रॉम्बोसिस के खतरे से बच सकते हैं।
- एक घंटे में कम-से-कम एक बार उठें और वॉशरूम के लिए जाएं।
- शरीर को हाइड्रेटेड रहने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिएं।
- बैठे-बैठे अपनी पिंडलियों की मसल्स को स्ट्रेच करते रहें। इसके लिए पैरों को 10-15 सेकेंड तक सीधा फैलाएं।
- ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
- अपने पैरों को क्रॉस न करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है।




