Kitchen Cleaning; Sponge (Scrub) Health Risks And Maintenance Tips | जरूरत की खबर- टॉयलेट सीट से ज्यादा कीटाणु किचन-स्क्रब में: गीला रहने से पनपते बैक्टीरिया, स्क्रब हमेशा सूखा रखें, तीन हफ्ते में बदलें

8 मिनट पहले

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जर्म्स, वायरस या बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए हम सभी किचन की नियमित साफ-सफाई करते हैं। किचन की साफ-सफाई में स्पंज या स्क्रब का बड़ा रोल होता है। मसाले रखने वाले स्लैब, डिब्बों, गैस चूल्हा या हर रोज के बर्तनों को साफ करने के लिए अधिकांश लोग स्क्रब का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक बर्तन साफ करने वाले स्क्रब का इस्तेमाल करने से कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

दरअसल साल 2017 में जर्मनी की फर्टवांगन यूनिवर्सिटी में इसे लेकर एक स्टडी की गई। इस स्टडी के मुताबिक हमारे किचन स्क्रब और स्पंज में टॉयलेट सीट से भी ज्यादा बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि किचन के स्क्रब या स्पंज से किस तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं? साथ ही जानेंगे कि-

  • स्क्रब और स्पंज को कितने दिनों बाद बदलना बेहतर है?
  • स्क्रब और स्पंज की सफाई कैसे कर सकते हैं?

एक्सपर्ट: डॉ. अकबर नकवी, फिजिशियन (नई दिल्ली)

सवाल- किचन के स्पंज में बैक्टीरिया कब पनप सकते हैं?

जवाब- अधिकांश घरों में स्पंज या स्क्रब का इस्तेमाल हर रोज कम से 2 से 3 बार जरूर होता है, जिससे वह गीला बना रहता है। उसे सूखने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है। नमी के कारण उसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। इसके अलावा खाने के छोटे-छोटे कण जब लंबे समय तक स्पंज या स्क्रब के अंधरूनी भागों में फंसे रहते हैं तो बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है।

सवाल- स्क्रब और स्पंज में किस तरह के बैक्टीरिया हो सकते हैं?

जवाब- बर्तन, सिंक या गैस चूल्हा साफ करने से स्पंज के अंधरूनी भाग में फंसे छोटे-छोटे कण कई बार पानी से धोने पर भी नहीं निकलते हैं।

जब ये कण लंबे समय तक चिपके रहते हैं तो उनमें साल्मोनेला (salmonella), ई. कोली (E. coli) और स्टैफिलोकोकस (Staphylococcus) जैसे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। अधिकांश लोग किचन के स्क्रब या स्पंज का इस्तेमाल तब तक करते रहते हैं, जब तक वह पूरी तरह घिसकर खराब न हो जाएं।

सवाल- स्क्रब और स्पंज के बैक्टीरिया से किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?

जवाब- डॉ. अकबर नकवी बताते हैं कि अगर बर्तनों को अच्छे से साफ न किया जाए तो स्क्रब और स्पंज के बैक्टीरिया बर्तनों पर चिपक सकते हैं और खाने के साथ हमारे पेट में पहुंच सकते हैं। यह हमारी गट हेल्थ के लिए नुकसानदायक हैं।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि स्क्रब और स्पंज से किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

आइए ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

  • स्क्रब में मौजूद साल्मोनेला, ई-कोली या स्टैफिलोकोकस जैसे बैक्टीरिया से फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
  • यह बैक्टीरिया ही उल्टी, दस्त या पेट से जुड़ी समस्याओं का कारण बनते हैं।
  • गंदे स्पंज को छूने से स्किन में जलन, चकत्ते पड़ना या फंगल इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।

सवाल- किचन का स्क्रब या स्पंज कब बदलना चाहिए?

जवाब- फिजिशियन डॉ. अकबर नकवी कहते हैं कि हर दो या तीन सप्ताह में किचन के स्क्रब को बदलना चाहिए। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप इसका कितना इस्तेमाल करते हैं।

सवाल- स्पंज की साफ-सफाई को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

जवाब- स्पंज से न केवल गंदे बर्तन साफ ​होते हैं, बल्कि वे गैस चूल्हा, सिंक को साफ करने में भी इस्तेमाल होते हैं। लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया पनपना आम बात है, जिससे यह सफाई के लिए उपयुक्त नहीं रह जाते हैं। बैक्टीरिया रोकने के लिए अपने किचन स्पंज को नियमित रूप से साफ करना चाहिए। इसके अलावा किचन में इन्हें नमी वाली जगह से दूर रखना चाहिए। 2022 में जर्नल ऑफ एप्लाइड माइक्रोबायलॉजी में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक स्पंज को सुखाने से उस पर मौजूद साल्मोनेला की मात्रा कम हो सकती है।

इसके लिए ग्राफिक में दिए यह तरीके भी अपना सकते हैं।

सवाल- किचन के स्पंज को कैसे बैक्टीरिया के खतरे से बचा सकते हैं?

जवाब- अगर आप अक्सर स्पंज या स्क्रब का नियमित इस्तेमाल करते हैं तो उसे अच्छे से साफ करने की भी जरूरत है। इसके लिए यह तरीके अपना सकते हैं।

  • स्पंज को ब्लीच या डिटर्जेंट के साथ थोड़ी देर पानी में भिगोएं। इसके बाद निचोड़कर इसे धूप में अच्छे से सुखा लें।
  • साफ-सफाई के बाद स्पंज को अच्छे से न सुखाने से नमी के कारण उसमें बदबू आ सकती है। साथ ही उसमें फंगल हो सकता है। इसलिए साफ-सफाई के बाद स्पंज को सुखाएं। गीले स्पंज का इस्तेमाल करने से बचें।

चलते-चलते जानिए कि किचन की और कौन सी जगहों पर बैक्टीरिया हो सकते हैं।

  • गैस चूल्हे की नॉब्स (knobs) और इंडक्शन के स्विच की क्लीनिंग का खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि ये दोनों ही जगहें बहुत सेंसेटिव होती हैं। यहां बैक्टीरिया पनपने का खतरा ज्यादा रहता है। बार-बार हाथ छूने से बैक्टीरिया हमारे खाने तक पहुंच सकते हैं, जो बीमारी का कारण बन सकते हैं।
  • किचन के स्लैब और गैस स्टोव को साफ करने वाले कपड़े या टॉवेल के गंदे होने पर साल्मोनेला नाम के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। सामान्य पानी से इस कपड़े को धोने के बाद भी यह बैक्टीरिया खत्म नहीं होते। अगर यह बैक्टीरिया शरीर के अंदर प्रवेश कर जाएं तो इससे डायरिया, पेट में मरोड़ या दर्द, बुखार, उल्टी, सिरदर्द या टाइफाइड तक हो सकता है।
  • सिंक में सब्जी, फल या खाने के छोटे-छोटे कण फंस सकते हैं, जो बैक्टीरिया का कारण बन सकते हैं। सिंक को बैक्टीरिया से मुक्त रखने के लिए 1 कप गर्म पानी में क्लोरीन ब्लीच मिलाकर सिंक और उसके पाइप में छोड़ देना चाहिए।

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