Eyes Swelling Reason (Home Remedies & Solutions) | Aankhon Mein Sujan | सेहतनामा- सुबह उठने पर होती है आंखों में सूजन: क्या यह किसी बीमारी का संकेत, डॉक्टर से जानें कारण, ठीक करने के उपाय

37 मिनट पहलेलेखक: शिवाकान्त शुक्ल

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हमने कभी न कभी अपनी आंखों में या उसके आसपास सूजन जरूर महसूस की होगी। इसे आमतौर पर बैगी आईज या पफी आईज कहते हैं। मेडिकल में इसे ‘इन्फ्राऑर्बिटल एडिमा’ के नाम से जाना जाता है। उम्र बढ़ने के साथ इसका होना काफी आम है। हालांकि टीनएज (किशोरावस्था) में भी ये हो सकता है।

दरअसल बढ़ती उम्र के साथ आंखों के आसपास के टिश्यू और पलकों को सपोर्ट देने वाली कुछ मसल्स कमजोर हो जाती हैं। इससे आंखों की निचली पलक में फैट व फ्ल्यूड इकट्ठा हो जाता है और उसमें सूजन दिखने लगती है।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के मुताबिक, आंखों के नीचे बैग्स होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें लूज स्किन, एलर्जी, पॉकेट ऑफ फैट, पिगमेंटेशन और नेचुरल शैडोइंग शामिल हैं। इसके अलावा ये जेनेटिक भी हो सकता है।

इसलिए आज सेहतनामा में हम बैगी या पफी आईज के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • आंखों में सूजन के क्या कारण हैं?
  • आंखों में सूजन कम करने के लिए क्या उपाय हैं?
  • सूजन न हो, इसके लिए क्या सावधानियां बरतें?

एक्सपर्ट- डॉ. दिग्विजय सिंह, चीफ ऑप्थल्मोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल (गुरूग्राम)

आंखों में सूजन क्यों होती है?

आंखों के नीचे बैग्स होना या सूजन होना सामान्य बात है। हालांकि ये कभी-कभी किडनी में प्रॉब्लम्स का भी संकेत देती है। सूजी हुई आंखें आमतौर पर अनहेल्दी लाइफस्टाइल का लक्षण होती हैं। जैसे पर्याप्त नींद न लेना, स्मोक करना या डिहाइड्रेशन। नीचे दिए गए ग्राफिक में इसके कारणों के बारे में जानें-

क्या किसी खतरे का इशारा देती हैं बैगी या पफी आईज?

आंखों के नीचे बैग्स, सूजन या शैडो होने से थकान का आभास हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर ज्यादा हानिकारक नहीं होता है। हालांकि अगर आंखों के आसपास लगातार सूजन, दर्द, खुजली या रेडनेस है तो इसे नेत्र रोग विशेषज्ञ को अवश्य दिखाएं।

आई बैग्स से बचने के लिए सावधानियां बरतना जरूरी

आमतौर पर आंखों के नीचे बैग्स किसी गंभीर स्थिति का संकेत नहीं देते हैं। कई मामलों में अपनी स्किन की केयर और दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करके इसमें सुधार किया जा सकता है। नीचे ग्राफिक में इस बारे में कुछ सावधानियां देख सकते हैं।

आई बैग्स कम करने के लिए अपनाएं ये उपाय

कुछ आसान घरेलू उपचार आई बैग्स को कम करने या उसे खत्म करने में मदद कर सकते हैं। नीचे पॉइंटर्स में इस बारे में पढ़िए।

आंखों पर ठंडे पानी से सिकाई करें

डॉ. दिग्विजय सिंह बताते हैं कि आई बैग्स या आंखों में सूजन के लिए ठंडे पानी से सिकाई करना फायदेमंद है। इसके लिए एक क्लीन और सॉफ्ट वॉशक्लॉथ को ठंडे पानी से गीला करें। इसे अपनी आंखों के चारों ओर कुछ मिनट के लिए रखें, बहुत हल्के से दबाव डालें।

पर्याप्त नींद लें

आंखों से जुड़ी किसी भी समस्या को कम करने के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। ऑप्थल्मोलॉजिस्ट रोजाना 7 से 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं।

अपने सिर को थोड़ा ऊपर उठाकर सोएं

सोते समय सिर को थोड़ा ऊपर उठाकर साना चाहिए। इससे आंखों के आसपास फ्ल्यूड्स जमा नहीं होता है। अपने बिस्तर के सिरहाने को कुछ इंच ऊपर उठाने के लिए एक तकिया भी लगा सकते हैं।

सोने से पहले फ्ल्यूड्स ड्रिंकिंग से बचें

अपनी डाइट में नमक को सीमित करें। यह रात में फ्ल्यूड्स के जमाव को कम करने में मदद कर सकता है, जो आंखों के नीचे बैग्स बनाते हैं।

स्मोकिंग न करें

डॉ. दिग्विजय सिंह बताते हैं कि स्मोकिंग कोलेजन को तेजी से नुकसान पहुंचाता है। यह आंखों के नीचे की नाजुक स्किन को और भी पतला कर देता है। इससे ब्लड वेसल्स दिखाई देने लगती हैं।

एलर्जी से बचने की कोशिश करें

पलकों को ज्यादा रगड़ने से बचें। इससे आंखों में एलर्जी हो सकती है। आंखों में खुजली और पानी आने की समस्या होने पर खुद से ट्रीटमेंट न करें। इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल कर सकते हैं

अगर आपकी आंखों के नीचे की शैडो दिखाई दे रहा है तो उसे छिपाने के लिए मेकअप कंसीलर या किसी क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

आई बैग्स का मेडिकल ट्रीटमेंट भी संभव

आमतौर पर यह एक कॉस्मेटिक प्रॉब्लम होती है और इसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। घरेलू और लाइफस्टाइल ट्रीटमेंट्स बैग्स को कम करने में मददगार हो सकती हैं। लेकिन अगर आप आंखों के नीचे की सूजन के बारे में ज्यादा चिंतित हैं तो इसके लिए मेडिकल और सर्जिकल ट्रीटमेंट्स भी उपलब्ध हैं।

अगर आपको लगता है कि आपकी आंखों के नीचे सूजन किसी एलर्जी के कारण है तो अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से प्रिस्क्रिप्शन एलर्जी की दवाओं के बारे में पूछें। इनके इस्तेमाल से एलर्जी के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

इसके अलावा इसे ठीक करने के लिए रिंकल ट्रीटमेंट्स का उपयोग किया जाता है। इनमें लेजर रिसर्फेसिंग, केमिकल पील्स और फिलर्स शामिल हैं, जो स्किन ट्रोन में सुधार कर सकते हैं और उसमें टाइटनेस दे सकते हैं। इसके अलावा पलक की सर्जरी (ब्लेफेरोप्लास्टी) भी इसका एक ऑप्शन है। सर्जन मरीज की आंखों की स्थिति के अनुसार ब्लेफेरोप्लास्टी करते हैं।

आंखों के नीचे काले घेरे क्यों होते हैं?

डार्क सर्कल किसी की भी आंखों के नीचे हो सकते हैं, लेकिन बुजुर्गों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। दरअसल उम्र बढ़ने के साथ फैट और कोलेजन की कमी व स्किन के पतले होने के कारण आंखों के नीचे रैडिश-ब्लू ब्लड वेसल्स ज्यादा क्लीयर हो जाती हैं। ये डार्क एरिया आंखों के नीचे गड्ढे के रूप में हो सकते हैं, जो उम्र बढ़ने के साथ सामान्य रूप से डेवलप होते हैं। नीचे पॉइंटर्स में देखें कि किन लोगों की आंखों के नीचे डार्क सर्कल हो सकते हैं।

  • आंखों के नीचे काले घेरे अक्सर जेनेटिक मिलते हैं, जिसे पेरिऑर्बिटल हाइपरपिग्मेंटेशन कहा जाता है।
  • डार्क स्किन वाले लोगों की आंखों के नीचे डार्क सर्कल की आशंका ज्यादा होती है।
  • फीवर और एलर्जी की वजह से आंखों के नीचे डार्क सर्कल हो सकते हैं।
  • तेज धूप के संपर्क में आने से कुछ लोगों के शरीर में ज्यादा मेलेनिन प्रोड्यूस होता है। इससे आंखों के नीचे डार्क सर्कल हो सकते हैं।

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